Thursday, September 11, 2025
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उत्तर प्रदेश ग्रामीण विद्यालयों के शिक्षकों को शहरी क्षेत्रों में पढ़ाने का मिलेगा मौका

उत्तर प्रदेश

प्रदेश के शहरों में तैनात शिक्षकों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों की संख्या की अपेक्षा बेहद कम है।शिक्षक दिवस पर परिषदीय विद्यालयों में उत्कृष्ट पठन-पाठन कराने वाले शिक्षक राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित होंगे। हर जिले में ऐसा करने वाले शिक्षक बहुतायत में हैं लेकिन, सम्मान 75 को ही मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य शिक्षकों को भी सरकार शहर में पढ़ाने का अवसर देने की तैयारी में है। बेसिक शिक्षा विभाग ने शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए करीब 12 वर्ष बाद ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को वहां पढ़ाने का अवसर देने का प्रस्ताव भेजा है।

शहरों में शिक्षकों की है कमी

प्रदेश के शहरी क्षेत्र में बेसिक शिक्षा परिषद के 5146 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय व कंपोजिट स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब साढ़े पांच लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं लेकिन, उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की बेहद कमी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की संख्या अधिक

शहर के निजी व कांवेंट स्कूलों के मुकाबले परिषदीय विद्यालयों में सुविधाएं दे पाना बड़ी चुनौती है। आमतौर पर शहरी स्कूलों में सुविधाएं व गांव संसाधनविहीन मिलते हैं लेकिन, परिषदीय विद्यालयों की तस्वीर बिल्कुल उलट है। इधर के वर्षों में प्राथमिक स्कूलों के लिए बड़ी संख्या में भर्तियां भी हुई हैं। गांवों में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्रों की अपेक्षा शिक्षक अधिक तैनात हैं।

शहरी क्षेत्रों में बिगड़ा छात्र शिक्षक अनुपात

शहरी क्षेत्र के स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात गड़बड़ाने की वजह जिलों में शिक्षकों का कैडर है। ज्ञात हो कि हर जिले में शहर व ग्रामीण का अलग-अलग कैडर बना है। गांवों के स्कूलों में लगातार चयन हुआ है, जबकि शहरी स्कूलों में नियुक्तियां लंबे समय से नहीं हुई हैं। सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक के पद पर बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली 1981 की वजह से शहरी निकाय में तबादले भी नहीं हो सकते। वहां शिक्षकों के निधन व सेवानिवृत्त होने से करीब 10 हजार से अधिक पद खाली हैं और लगातार खाली हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में 30 और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए।

ये है तैयारी और ये मिलेगा लाभ

बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि ग्रामीण क्षेत्र में पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को उनकी वरिष्ठता व विद्यालय में पठन-पाठन के आधार पर शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त पदों पर तैनात किया जाए। शहरी स्कूलों में बड़ी संख्या में जाने को शिक्षक उत्सुक भी हैं। इससे शिक्षकों को आवास किराया भत्ता बढ़ने का लाभ भी मिल सकेगा।सरकार ने वर्ष 2010 में ग्रामीण से शहरी इलाकों में शिक्षकों का तबादला किया था। 2016 में ग्रामीण से शहर में तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजा लेकिन, उस पर मुहर नहीं लग सकी।

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